RSS के सौ साल होने पर विजय दशमी उत्सव

दिनांक: 2 अक्तूबर 2025
स्थान: रोहिणी, दिल्ली

विषय: विजयादशमी उत्सव – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष प्रथम कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के पावन अवसर पर विजयादशमी उत्सव का भव्य आयोजन किया। सुबह ६ बजे से ९:३० बजे में मध्य १४ कार्यक्रम रहें इस वर्ष यह आयोजन संघ के शताब्दी वर्ष को और भी विशेष बना गया। रोहिणी जिले के 14 मंडलों में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में विजयादशमी उत्सव संघ के लिए संगठन, सेवा और राष्ट्र समर्पण की प्रेरणा का प्रतीक है।

कार्यक्रम की मुख्य बातें:

  • 14 मंडलों में आयोजित कार्यक्रम में संख्या 5,810 रही जिसमें नारी शक्ति, स्वयंसेवक एवं समाज के सज्जन शक्ति ने भाग लिया।
  • 14 मंडलों में विधि वित्त शास्त्र पूजन एवं पथ संचलन आयोजित किया
  • प्रत्येक मंडल पर संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता मुख्य वक्ता रहे और समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई।
  • संचलन में स्वयंसेवकों की अनुशासित और गरिमामय प्रस्तुति ने पूरे क्षेत्र में अद्भुत वातावरण का निर्माण किया।

मुख्य अतिथि और वक्ता:

  • मंगोलपुरी दक्षिणी में मुख्य वक्ता मोहन जी और देवदत्त जी तथा मुख्य अतिथि डॉ. मिधा (अवंतिका अस्पताल) हरिराम जी प्रधानाचार्य रहे।
  • ⁠मंगोलपुरी उत्तरी में मुख्य वक्ता आनंद जी और सज्जन जी तथा मुख्य अतिथि पवन जी साथ राजेश जी रहें
  • अवंतिका नगर में मुख्य वक्ता आलोक जी और रितेश जी मुख्य अतिथि पवन गोयल जी (अध्यक्ष महाराजा अग्रसेन भवन, सेक्टर-3) के साथ डॉ राजन मिश्रा रहें ।
  • ⁠नाहरपुर नगर में मुख्य वक्ता अतुल जी जय कुमार जी मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त एसीपी साथ प्रेम अग्रवाल synergy ग्रुप रहें
  • ⁠प्रशांत विहार में मुख्य वक्ता कृष्ण जी और सुदर्शन जी मुख्य अतिथि डॉ देवेंद्र जी साथ में डॉ माधुरी निदेशक अम्बेडकर अस्पताल रही
  • ⁠सुखदेव नगर में मुख्य वक्ता चन्द्र शेखर जी और अनिल जी मुख्य अतिथि अनिल जी के साथ घनश्याम गुप्ता खाटू श्याम मंदिर रहें
  • ⁠बादली नगर में मुख्य वक्ता शशांक जी और वैभव जी मुख्य अतिथि अजय शर्मा के साथ डॉ विजय धनकड़ (निदेशक अंबेडकर अस्पताल) रहें

इस अवसर पर जिले के माननीय संघचालक सुशील जी लोहिया , ज़िला कार्यवाह गौतम जी सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे। विजयादशमी उत्सव में पंच परिवर्तन योजनाओं तथा संघ के शताब्दी वर्ष को समाज जागरण का वर्ष मानते हुए संगठन, सेवा और राष्ट्रनिर्माण के संकल्प पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सतत समाजसेवा, संगठन और राष्ट्रनिर्माण के कार्यों में अग्रसर है और शताब्दी वर्ष के अवसर पर समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचने के लिए नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है।

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