Abov to beyond बुक लॉन्च,भारत में नागरिक उड़यान का सफर नामा।

बंसी लाल रिपोर्ट :-

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने किया ‘अबव एंड बियॉन्ड (Above and Beyond)’ पुस्तक का विमोचन, बताया भारत की उड़ान यात्रा का एक अद्भुत दस्तावेज़

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर 2025:

“हवाई चप्पल से हवाई यात्रा तक – भारत की विमानन यात्रा का विकास इस बात का प्रतीक है कि जो हवाई उड़ान आम लोगों के लिए कभी सिर्फ एक सपना था, आज हकीकत बन चुका है। विमानन के क्षेत्र में यह व्यापक परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विज़न के अनुरूप है।” यह बात केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने आज केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के उप महानिरीक्षक शिव कुमार मोहंका द्वारा लिखित पुस्तक ‘अबव एंड बियॉन्ड (Above and Beyond)’ का विमोचन करते हुए कही।

भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र की उल्लेखनीय परिवर्तन यात्रा को रेखांकित करते हुए श्री नायडू ने कहा, “यह पुस्तक बेहद दुर्लभ और सराहनीय प्रयास है और भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र का एक तरह का विश्वकोश है। मेरे लिए यह विशेष क्षण है, क्योंकि ऐसी पुस्तक कम ही मिलती है जो एयरसाइड से लेकर टर्मिनल और लैंडसाइड तक विमानन जगत के हर पहलू को समेटे। इस पुस्तक में डीआईजी मोहंका ने विमानन क्षेत्र से जुड़ी हर एजेंसी और व्यक्ति को सम्मानपूर्वक स्थान दिया है, जो इस क्षेत्र को जीवंत बनाते हैं। पुस्तक का शीर्षक ‘अबव एंड बियॉन्ड’ वास्तव में भारत की उड़ान यात्रा की भावना को खूबसूरती से अभिव्यक्त करता है।”

तीन दशकों से अधिक अनुभव रखने वाले विमानन विशेषज्ञ शिव कुमार मोहंका ने इस 445 पृष्ठों की पुस्तक में अपने अनुभवों और जानकारियों को समाहित किया है। उनके शब्दों में “यह पुस्तक हर यात्री के लिए साथ रखने योग्स गाइडबुक है। यह तथ्यों, विचारों और अनुभवों का ऐसा रोचक संकलन है, जो पाठकों को न केवल आकर्षित करेगा, बल्कि यह एहसास भी कराएगा कि उड़ान से जुड़ी कितनी बातें अब तक अनजानी थीं।”

पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सैयद शहनवाज़ हुसैन ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा, “मेरा मानना है कि यह पुस्तक भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के विमानन क्षेत्र के लिए ‘बाइबिल’ सिद्ध होगी।”

पुस्तक में अनेक रोचक तथ्य दिए गए हैं जैसे कि 35,000 फीट की ऊँचाई पर हमारे स्वादग्राही (टेस्ट् बड्स) अलग तरह से काम करते हैं, इसलिए यात्रियों के भोजन में विशेष जड़ी-बूटियाँ और मसाले मिलाए जाते हैं। आने वाले समय में वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग का अनुभव आम हो जाएगा। क्या आप जानते हैं कि दिल्ली एयरपोर्ट का कोड DEL क्यों है, चेन्नई का CHE नहीं, बल्कि MAA क्यों, और ईटानगर का ITA नहीं बल्कि HGI क्यों रखा गया है? या फिर यह कि गर्भावस्था या स्वास्थ्य स्थितियाँ उड़ान अनुभव को कैसे प्रभावित करती हैं, और कौन-से छोटे उपाय यात्रा को सहज बना सकते हैं?

‘अबव एंड बियॉन्ड’ इन सभी सवालों का उत्तर सहज शैली में देता है – तथ्यों, निजी अनुभवों और विशेषज्ञ दृष्टिकोण के संयोजन के साथ।

यह पुस्तक केवल हवाई यात्रा की चमक-दमक तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यात्रियों के वास्स्विक अनुभवों और क्षेत्र की चुनौतियों पर भी प्रकाश डालती है। 1,500 यात्रियों पर आधारित सर्वेक्षण में लेखक ने 262 ऐसे मुद्दों की पहचान की है, जो बार-बार सामने आते हैं। साथ में सेवा की कमियों से लेकर ढाँचागत सुधारों की आवश्यकता तक, इनके समाधान की दिशा में उपयोगी सुझाव भी दिए हैं।

पटना, बेंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद हवाई अड्डों पर तथा संयुक्त राष्ट्र मिशन (कोसोवो) में सेवा दे चुके मोहंका ने इस पुस्तक में अपने अनुभवों के आधार पर विमानन जगत का ऐसा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है. जो रनवे से आगे बढ़कर मानव अनुभव की गहराइयों तक जाता है।

उनके शब्दों में – “विमानन सिर्फ विमान और यात्रियों की कहानी नहीं, बल्कि यह लोगों, अनुशासन, और प्रगति की यात्रा है। इस पुस्तक के माध्यम से मैंने यह दिखाने का प्रयास किया है कि हर उड़ान के पीछे कितनी सटीक समन्घ्य, अनुशासन और सपनों का संगम होता है।”

राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित मोहंका की यह कृति भारत में हवाई यात्रा के विकास की कहानी को बेहतरीन ढंग से सामने लाती है सीमित पहुँच वाले शुरुआती दौर से लेकर आज के सर्वसुलभ एवं सर्वसंपर्क युग तक। इसमें सुरक्षा, स्थायित्व और सेवा के क्षेत्र में हुए अद्भुत सुधारों का भी उल्लेख है, जिन्होंने उड़ान को विलासिता से आगे बढ़ाकर करोड़ों भारतीयों के लिए एक सुलभ जीवनरेखा बना दिया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न “उड़े देश का आम नागरिक” के अनुरूप ‘हवाई चप्पल से हवाई यात्रा’ का सपना आज नए भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक बन चुका है। वर्ष 2014 में जहाँ देश में केवल 74 एयरपोर्ट संचालित थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 162 हो गई है। भारत अब अमेरिका और चीन के बाद विश्व का
तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन चुका है।

आज भारत का विमानन क्षेत्र न केवल व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय संपर्क को सशक्त कर रहा है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के प्रमुख इंजन के रूप में भी कार्य कर रहा है। लॉजिस्टिक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों पर इस सेक्टर का गुणक प्रभाव (multiplier effect) स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

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