स्कूलों मे जलभराव के लिए पिछली सरकार की भृष्ट नीतियाँ :आशीष सूद।

शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद का पिछली सरकार पर हमला , छह सरकारी स्कूलों में जलभराव के लिए पिछली सरकार जिम्मेदार।

2020 से घुटनों तक पानी में पढ़ रहे 14,214 छात्र, केजरीवाल सरकार पर लापरवाही का आरोप।

AAP के झूठे विकास दावे बेनकाब, दिल्ली सरकार करेगी सभी स्कूलों की एसेट मैपिंग।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद ने आज श्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली का हाल कितना बुरा होता जा रहा है पर किये एक ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा क्रांति की बात करने वाली सरकार और विकास के पुरुष का दावा करने वाले श्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली की जो दुर्दशा छोड़ी थी वह चाहते है की साढे पांच महीने में वो रातों-रात जादू की छड़ी से बदल जाए। हमारे बच्चे उनके किए हुए कुकर्मों के कारण त्रस्त हैं। दिल्ली में निठारी में छह सरकारी स्कूल हैं। ये सरकारी स्कूल उनके कार्यकाल से पहले और उनके कार्यकाल के बाद तक बनते रहे, उनके कार्यकाल के दौरान बनते रहे। इन छह स्कूलों में 2020 से लगातार पानी भर जाने की शिकायतें मिलती रही हैं । पानी भर जाने पर बच्चों को छुट्टी देनी पड़ती है। 2020 से किसकी सरकार थी? तथाकथित, स्वघोषित विकास पुरुष और शिक्षा क्रांति के जनक जो थे उनकी सरकार थी।

श्री सूद ने कहा की पिछली सरकार 10 साल में दिल्ली में कोई सुधार नही कर पाई। पिछले 5 साल से वहां उनका विधायक था। फिर भी कोई सुधार नहीं कर पाए। इन 6 सकूलों में लगातार पानी भर रहा है जिससे बच्चों को करंट लगने का खतरा बना रहता है। इस क्षेत्र की जांच करने पर पता चला कि वहाँ आसपास एक तालाब हुआ करता था। उस तालाब में यह बरसात का पानी चला जाया करता था। उस तालाब को केजरीवाल जी की सरकार ने पक्का करवा दिया था। जिसके कारण यहाँ जल जमाव की स्थिति होने लग गई। यह भी पता चला है की पिछली सरकार ने उस तालाब को भू माफिया के दबाव में पक्का करवा दिया था।

उन्होंने आगे कहा की दिल्ली सरकार इनकी जांच करवा रही है की उस तालाब को पक्का क्या विधायक निधि से किया गया था। जांच के बाद एक बड़ा खुलासा अगले कुछ दिनों में किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर, दिल्ली में हमें यह तथा कथित छह स्कूल इसलिए बंद करने पड़ रहे हैं क्योंकि इन स्कूलों में घुटनों घुटनों तक पानी भरता है और 2020 से भर रहा है।

शिक्षा मंत्री ने कहा की स्कूलों की इस दुर्दशा की जिम्मेदार पिछली सरकार ही हैं। 2020 से बार-बार शिक्षा विभाग उन्हें लिख रहा है। लेकिन शिक्षा क्रांति के जनक शराब बेचने में व्यस्त थे। तथाकथित विकास पुरुष, अपने शराब माफिया में फंसे हुए लोगों को भारत रत्न की मांग करने में व्यस्त थे। इन बच्चों को 2020 से लगातार परेशानी झेलनी पड़ रही थी और आज आसपास बेढंग विकास के कारण स्कूलों के पानी की निकास की व्यवस्था को पांच साल बाद भी ठीक न कर पाने के कारण 14,214 स्टूडेंट्स प्रभावित होते हैं।

उन्होंने कहा की सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग को लिखा है की इसकी तुरंत जांच की जाए। इससे कोई बड़ा हादसा , दुर्घटना ना हो जाए।

उन्होंने कहा की बेशर्मी की सब सीमाओं को आम आदमी पार्टी के नेता लांघ चुके हैं। हम इन छह स्कूलों को जल्द से जल्द जांच करवाकर ठीक कर रहे हैं साथ ही पूरी दिल्ली के स्कूल्स की एसेट मैपिंग का काम और उनकी बाकी सुविधाओं की मैपिंग का काम भी किया जाएगा। पिछली सरकार के झूठे शिक्षा और विकास के दावे रोज खुल रहे हैं। और बेशर्मी के साथ आम आदमी पार्टी के नेता जलभराव की खींचकर सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश करते हैं।

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