: नई दिल्ली:गाय के गोबर से बनी दुर्लभ पेंटिंग्स के माध्यम से सनातन संस्कृति को जीवंत करने वाले विश्वविख्यात चित्रकार महेश वैष्णव को गुजरात के सांसद मितेश भाई पटेल ने अपने स्नेह और मार्गदर्शन से विशेष सम्मान प्रदान किया।
इस आत्मीय भेंट में एक भावुक क्षण तब आया, जब महेश जी ने मितेश भाई का स्वयं का गोदान से बना हुआ पोर्ट्रेट उन्हें भेंट किया। जैसे ही उन्होंने वह पेंटिंग देखी, वे आश्चर्यचकित रह गए और बोले —
“यह तो बिल्कुल मेरे जैसा है! क्या यह सचमुच गोबर से बना है?”
वे इस बात से चकित थे कि गाय के गोबर से इस स्तर की डिटेलिंग और जीवंतता वाली पेंटिंग बनाई जा सकती है”आपकी यह कला केवल चित्र नहीं, एक आध्यात्मिक आंदोलन है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना चाहिए और सरकार को आपको कोई बड़ा राष्ट्रीय पुरस्कार जैसे पद्मश्री देना चाहिए। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि प्रधानमंत्री जी, अमित शाह जी और अन्य उच्च पदस्थ लोगों तक आपकी यह साधना पहुंचे और वे स्वयं इस अद्वितीय कला को देखें।”
पेंटर महेश ने बताया कि वे पिछले ढाई वर्षों से केवल गौ माता के गोबर से “गोदान कला” की अनोखी विधा पर काम कर रहे हैं और इस शैली में बनी यह दुनिया की पहली पेंटिंग श्रृंखला है। उन्होंने कहा इस तरह की कला ना कोई बना रहा है, ना दुनिया में कहीं हो रही है। यह पूरी तरह मेरी अपनी मौलिक साधना है।”
बता दे महेश जी द्वारा पूर्व में बनाए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का “बछड़े को दुलारते हुए” चित्र, अमित शाह जी पर विशेष पेंटिंग, श्रीमती अमृता फडणवीस, योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत, गिरिराज सिंह, रेखा गुप्ता आदि पर बनी लगभग 40 से अधिक पोर्ट्रेट देश-विदेश में सराहे जा चुके हैं।
उनकी “संपूर्ण रामायण पेंटिंग”, “हनुमान चालीसा पेंटिंग”, और “प्रिंस चार्ल्स के लिए बनी गोदान पेंटिंग जो उनके पैलेस में स्थापित है”,ये सब कला जगत में क्रांतिकारी मानी जा रही हैं।
महेश जी ने यह भी बताया कि उनका अगला कार्य हनुमान जी की आरती और श्रीराम आरती पर आधारित गोदान पेंटिंग्स का निर्माण है, जो पूरी तरह सनातन श्रद्धा से प्रेरित है।
