नई दिल्ली।भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लगातार टलता जा रहा है, इसका बहुत बड़ा कारण पार्टी की अंदरूनी खींचतान एवं गुटबाजी को माना जा रहा है।पार्टी के कई दिग्गज नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में है। इस कड़ी में एक नया नाम भाजपा के समर्पित सिपाही राजेंद्र वर्मा का भी शामिल हो गया है। जिस तरह विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर भाजपा में नए चेहरे को जगह देने का ट्रेंड दिख रहा है,ऐसे में राजेंद्र वर्मा भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। पार्टी आपसी खींचना एवं गुटबाजी पर विराम लगाने के लिए एक निर्विवाद चेहरे पर विचार कर सकती है। राजेंद्र वर्मा मध्य प्रदेश की धरती से आते हैं तथा लगभग 30 वर्षों से अपने परिवार को छोड़कर लगातार पार्टी को नई बुलंदियों तक ले जाने में लगे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी को इन्होंने अपना आवेदन किया है। एक जमीनी नेता होने के नाते संसदीय चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक इनकी सक्रियता एवं भागीदारी काबिले तारीफ है।भाजपा के एक अनुभवी,योग्य एवं कर्मठ नेता के रूप में पार्टी में उनकी अपनी खास पहचान है। ऐसे में पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी के बीच इनके नाम पर सहमति की संभावना है।श्री वर्मा का कहना है कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता किसी भी पद के लिए उपयुक्त दावेदार हैं,ऐसे में मेरी दावेदारी पर भी पार्टी गंभीरता से विचार करेगी।उनका कहना है कि पार्टी जो भी निर्णय लेगी वह भाजपा के एक अनुशासित सिपाही के रूप में मुझे स्वीकार्य होगा।
