सिख संगत को गुरु पर्व पर पाकिस्तान न जाने देना सिखों कि भावनाओं से खिलवाड़ :सरना।

कुलवंत कौर रिपोर्ट :-

गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर सिख संगत में,

पाकिस्तान के गुरूद्वारे न जाने देने से रोष:सरना।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ हाल ही में बने तनावपूर्ण हालातों के चलते केंद्र सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर हर साल जाने वाले सिख श्रद्धालुओं और अन्य गुरु नानक नाम लेवा संगत के जत्थे को पाकिस्तान जाने से रोकने के लिए जो पाबंदी लगाई गई है, वह सीधा सिख मामलों में केंद्र सरकार की दखलअंदाजी है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, यह आरोप लगाया है, दिल्ली शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सरदार परमजीत सिँह सरना का उन्होंने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जब देश का बंटवारा हुआ था, उस समय सिखों ने हिंदुओं और मुसलमानों के बराबर एक तीसरी ताकत के रूप में भारत के साथ जुड़ने का फैसला किया था। उस समय के नेताओं और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सिख नेतृत्व से यह वादा किया था कि भारत में सिखों के हितों की रक्षा की जाएगी और उनके धार्मिक मामलों में किसी भी तरह की दखलअंदाजी नहीं की जाएगी। यह पाबंदी उन तमाम वादों की खुली अवहेलना है।

सरना ने कहा कि बेशक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के साथ बने तनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है, लेकिन सरकार को चाहिए कि वह सिख श्रद्धालुओं को अपनी जिम्मेदारी पर जाने की सलाह (एडवाइजरी) जारी कर सकती है। लेकिन इस तरह पूरी तरह से रोक लगाना उचित नहीं है। क्योंकि श्री ननकाना साहिब सिख कौम का एक केन्द्रीय धार्मिक स्थल है और हर सिख की, खासकर गुरुपर्व के अवसर पर, श्री ननकाना साहिब जाकर नतमस्तक होने की दिली इच्छा और आस्था होती है।

इसलिए सरकार को बिना किसी देरी के अपना नोटिस वापस लेकर यह पाबंदी खत्म करनी चाहिए और सिखों को श्री ननकाना साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान जाने की इजाजत देनी चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top