नई दिल्ली, 13 अगस्त, 2025 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली एनसीआर के लोगों को आजादी का तोहफा देने के लिए 16 अगस्त को द्वारका एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उद्घाटन किया जाएगा, परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि द्वारका एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए दिल्ली के जिन गांवों की जमीन कौड़ियों के दामों में अधिगृहण की गई थी। उनको भी एक्सप्रेसवे पर आवाजाही के लिए भारी टोल टैक्स देना पड़ेगा। जबकि इन गांव वालों से इनके जीवन भर की कमाई इनकी जमीन को सरकार ने एक्सप्रेसवे बनाने के लिए लिया था।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि हमारी मांग है कि दिल्ली के गांव के निवासियों को द्वारका एक्सप्रेसवे पर आवाजाही की सुविधा निशुल्क मिलनी चाहिए। इसके साथ ही द्वारका एक्सप्रेसवे पर चलने के लिए निजी वाहनों को न्यूनतम से कहीं अधिक टोल टैक्स देना होगा, जो सीधे तौर पर लूट की वसूली करके निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने और लोगों से अनैतिक लूट करेगा। सरकार को टैक्स वसूली की दरों को नियंत्रित करने पर भी विचार करना चाहिए।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि यदि सरकार द्वारका एक्सप्रेसवे की लागत अथवा टैक्स की वसूली करना ही चाहती है तो जिन बिल्डरों को एक्सप्रेसवे के नजदीक जमीन दी गई है, उनसे एक्सप्रेसवे बनाने पर आए खर्च की कुछ औसत पर पूर्ति कर सकती है। लोगों के टैक्स के पैसों से बना करोड़ों की लागत का द्वारका एक्सप्रेसवे पर आवाजाही के लिए लागू टैक्स की दरें बहुत अधिक है। श्रेणी-1 कार के लिए एकल टैक्स 235 रुपये और वापसी के लिए 350 रुपये रखा गया है। श्रेणी-2 टैंपो आदि के लिए एकल टैक्स 375 रुपये और वापसी के लिए 565 रुपये, श्रेणी-3 बसों आदि के लिए एकल टैक्स 860 रुपये और वापसी के लिए 1290 रुपये, श्रेणी-4 12 टायर के ट्रक आदि के लिए एकल टैक्स 1235 रुपये और वापसी के लिए 1855 रुपये तथा श्रेणी-5 16 टायर के ट्रक आदि के लिए एकल टैक्स 1505 रुपये और वापसी के लिए 2260 रुपये रखना सरकार की अनैतिक उगाही का हिस्सा है, जिसके तहत सरकार निजी कंपनियों को लागत से अधिक का मुनाफा कमा कर देना चाहती है।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली के गांव देहात के लोग प्रतिदिन गुडगांव, जयपुर आदि आवाजाही करते है, क्योंकि बहुत अधिक लोगों की वहां पर रिश्तेदारियां है। अतः सरकार को द्वारका एक्सप्रेसवे पर आवाजाही के लिए दिल्ली के उन गांव वालों को निशुल्क करने की घोषणा करनी चाहिए, जिनकी जमीन एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहण की गई थी। सरकार ने दिल्ली के गांव वालों से न्यूनतम दामों पर जमीन अधिग्रहण करके अत्यधिक मुनाफा कमाने के लिए द्वारका एक्सप्रेस वे बनाया है। जबकि सरकार का काम होता है लोगों के कल्याण के लिए काम करना न कि मुनाफा कमाना।

