पूनम पांडे को मंदोदरी का रोल देने पर लव कुश रामलीला का VHP करेगी विरोध।

विषय :- विश्व हिंदू परिषद, इंद्रप्रस्थ प्रान्त मंत्री द्वारा लव कुश रामलीला में ‘मंदोदरी’ की भूमिका हेतु पूनम पांडे के चयन पर आपत्ति एवम पुनर्विचार का आग्रह

नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025 – इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद (विहिप), दिल्ली के प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने प्रतिष्ठित लव कुश रामलीला में ‘मंदोदरी’ की भूमिका के लिए अभिनेत्री श्रीमती पूनम पांडे के चयन पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में, विहिप दिल्ली के प्रांत मंत्री, श्री सुरेन्द्र कुमार गुप्ता ने लव कुश रामलीला समिति को एक औपचारिक पत्र भेजकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

पत्र में, श्री गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि रामलीला केवल एक नाट्य-प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारतीय समाज और संस्कारों का एक जीवंत हिस्सा है। संगठन ने यूनेस्को द्वारा रामलीला को दिए गए सांस्कृतिक महत्व का भी उल्लेख किया, जो इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पारंपरिक प्रदर्शन के रूप में पहचानता है।

विहिप ने अपने पत्र में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला:

  • सांस्कृतिक और नैतिक संवेदनशीलता: संगठन का आग्रह है कि रामायण-आधारित प्रस्तुतियों में पात्रों का चुनाव केवल अभिनय क्षमता पर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उपयुक्तता और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
  • ‘मंदोदरी’ चरित्र का महत्व: ‘मंदोदरी’ का चरित्र गुण, मर्यादा, संयम और आदर्श पतिव्रता के गुणों का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, इस भूमिका को निभाने वाले कलाकार का चयन इन आदर्शों को ध्यान में रखकर होना चाहिए।
  • सार्वजनिक छवि पर चिंता: पत्र में कहा गया है कि श्रीमती पूनम पांडे की सार्वजनिक छवि और अतीत में हुए विवादों के कारण श्रद्धालुओं में असमंजस या आक्रोश की भावना उत्पन्न हो सकती है।
  • वैकल्पिक सुझाव: विहिप ने समिति को सुझाव दिया है कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और मंदोदरी की भूमिका के लिए किसी ऐसी अभिनेत्री का चयन करें जिनकी पारंपरिक नाट्य पृष्ठभूमि हो या जिनका सार्वजनिक रिकॉर्ड सांस्कृतिक अपेक्षाओं के अनुरूप हो।

श्री सुरेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा, “हमारा उद्देश्य किसी कलाकार का व्यक्तिगत विरोध करना नहीं है, बल्कि रामायण जैसे पवित्र ग्रंथों से जुड़े सार्वजनिक आयोजनों की सांस्कृतिक वैधता और श्रद्धालुओं के विश्वास की रक्षा करना है।” उन्होंने आगे कहा कि रामलीला का प्राथमिक उद्देश्य धर्म, नैतिकता और संस्कारों को बढ़ावा देना है, और हर निर्णय इसी भावना को प्रतिबिंबित करना चाहिए।

विश्व हिंदू परिषद को उम्मीद है कि लव कुश रामलीला समिति इस मामले की गंभीरता को समझेगी और एक सम्मानजनक समाधान निकालेगी।

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