कुलवंत कौर की रिपोर्ट :-
नई ढिल्लो: शिरोमणि अकाली दल ने हमेशा ही पंथ और पंजाब के हितों के लिए संघर्ष करते हुए डटकर लड़ाई लड़ी है और अनेक मोर्चे लगाकर जीत हासिल की है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा जो राज्य की ज़मीनों को हड़पने के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी लाई गई थी, उससे न केवल बेशकीमती और उपजाऊ 65,000 एकड़ ज़मीन बर्बाद होने वाली थी, बल्कि उस ज़मीन से जुड़े लाखों लोग भी तबाह हो जाते और साथ ही सरकार की मंशा पंजाब की संस्कृति को भी नुक़सान पहुँचाने की थी ।यह आरोप लगाया है शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान सरदार परमजीत सिंह सरना का उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शिरोमणि अकाली दल का इतिहास रहा है, अपने फर्ज़ को समझते हुए शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब की जनता को साथ लेकर इस काली नीति का लगातार विरोध किया। अकाली दल ने लगातार धरने-प्रदर्शन किए और इसके खिलाफ पक्का मोर्चा लगाने की घोषणा भी की गई थी, जिसकी अगुवाई खुद सरदार सुखबीर सिंह बादल उसी तरह करने वाले थे जैसे उनके पिता सरदार प्रकाश सिंह बादल करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, अकालियों के इतिहास से भली-भांति परिचित होने के कारण, जिस प्रकार अकाली दल के मोर्चे और जनविरोध से डरकर इस पॉलिसी को रद्द कर पीछे हटी है, यह अकाली दल द्वारा जनता के सहयोग से किए गए संघर्ष की जीत है। क्योंकि सरकार में अकाली भावना का सामना करने की ताकत नहीं थी।
सरना ने कहा कि यह जीत जनता की जीत है और अकाली दल के प्रधान सरदार सुखबीर सिंह बादल और समूचे अकाली कार्यकर्ता इसके लिए बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने पूरी सक्रियता के साथ इसका विरोध किया और सरकार को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। जिस प्रकार इस संघर्ष में पंजाब की जनता ने अकाली दल का साथ देकर जीत सुनिश्चित की है, उसी प्रकार 2027 के चुनाव में भी पंजाब की जनता अकाली दल का साथ देकर पंजाब के हितों की रक्षा करने वाली अकाली सरकार बनाएगी।

