‘जर्नी ऑफ़ सिंधी’ विचारों को युवाओ तक पहुंचाने के लिए समारोह।

जर्नी ऑफ़ सिंधी समाज, सिंधी समाज की सस्कृति, सभ्यता और पहचान का सम्मेलन।

   नई दिल्ली: जर्नी ऑफ सिंधीज़ के माध्यम से सिंध, सिंधी व सिंधियत का प्रदर्शन भारत मंडपम मे 12 अक्टूबर को शाम 5 बजे से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई केन्द्रीय मंत्री व नेता होंगे शामिल

विश्व की पुरातन संस्कृति सिंधु संस्कृति है जिससे ही इस भरत खंड का नामकरण सिंधु व सिंधु से बिगड़कर हिंदु व हिंदुस्थान हो गया। उसी सिंधु संस्कृति के वाहक, वेदों की रचना के साक्षी समाज सिंधी समाज 1947 में हुए विभाजन की त्रासदी के बाद आज तक अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करता नजर आता है। पहले रोजी रोटी के लिए, फिर अपनी भाषा व संस्कृति के साथ साथ अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहा है।

पूरे विश्व के सिंधी समाज को एक मंच पर लाने वाली ‘फैडरेशन आफॅ वर्ल्ड सिंधी ऐसोसिएशन ‘ऐसे ही ज्वंलत विषयों पर मंथन के साथ साथ अपनी संस्कृति व भाषा के विकास के लिए राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) के सहयोग से आगामी 12 अक्टूबर 2025 को शाम 5 बजे से भारत मंडपम (एल-2 ऑडि-2) में एक विशाल सिंधी संगम ‘अंतर्राष्ट्रीय सिंधी विरासत दिवस’ मनाने जा रही है जिसमें दिल्ली की यषस्वी मुख्यमंत्री आदरणीया श्रीमती रेखा गुप्ता के साथ साथ केई केन्द्रीय मंत्री, सांसद व नेता अपने ओजस्वी संबोधन से सिंधी समाज को दशा-दिशा देने का कार्य करेंगे। इनके अलावा देश में रहने वाले सिंधी सांसद, विद्यायक, राजनेता, समाजसेवी, बुद्धिजीवी, कलाकार आदि के साथ विदेशों में रहने वाले प्रसिद्ध उद्योगपति व व्यवसायी शामिल होंगे।

इस प्रेस वार्ता को फेडरेशन के अध्यक्ष डा. राम जवाहरानी, भारतीय सिंधू सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लद्धाराम नागवानी, स्पेन से जाने माने उद्योगपति सतीश रायसिंधानी, महाराष्ट्र सिंधी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष महेश आदि अन्य संस्थाओ के गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

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