ग्रेटर नोएडा में 2-दिवसीय वेरांडाह साहित्य और संगीत उत्सव का समापन – सेहत और प्रकृति की देखभाल का संदेश

ग्रेटर नोएडा,:
म्यूज़िक वेरांडाह और ग्रीन वेरांडाह द्वारा आयोजित दो-दिवसीय वेरांडाह साहित्य और संगीत उत्सव 29 और 30 नवंबर को खुशी और सकारात्मक माहौल के साथ पूरा हुआ। इस उत्सव का मुख्य संदेश था कि संगीत, साहित्य और कला हमारे मन और शरीर के स्वास्थ्य में बहुत मदद करते हैं। पूरे कार्यक्रम में प्रकृति को बचाने, पर्यावरण की देखभाल और प्रकृति से प्यार जैसे विषयों पर खास ध्यान दिया गया।

उत्सव की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माता और कार्टूनिस्ट डॉ. हरविंदर मन्नकर (मोटू-पतलू के लिए प्रसिद्ध) और कृति नारंग मिश्रा, संस्थापक -Katalytis ने स्वर्ण नगरी में की। मंच एक साधारण, घर जैसे वेरांडा था, जहां चारों तरफ पेड़ और शांत वातावरण था।

उत्सव में गुफ्तगू सत्र, कहानी सुनाने के सत्र, स्वास्थ्य और संस्कृति पर बातचीत, और आकाश सेठी व आलोक अविरल द्वारा आयोजित विशेष कवि सम्मेलन शामिल थे।

गुरु दत्त और सलिल चौधरी के 100 साल पूरे होने पर रखी गई खास संगीत प्रस्तुतियाँ और धर्मेंद्र को दी गई संगीतमय श्रद्धांजलि ने दर्शकों को बहुत भावुक कर दिया।

इस मौके पर श्री विमल कुमार शर्मा (IAS, सेवानिवृत्त), सेक्रेटरी जनरल – UNACCC ने कहा कि पर्यावरण की देखभाल और प्रकृति का सम्मान हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रकृति के करीब रहना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बनाता है।

उत्सव के क्यूरेटर्स डॉ. तनवीर नावेद ,डिप्टी डीन,हेल्थ एंड एलाइड साइंसेज और अनीला रामपुरिया फाउंडर म्यूज़िक वरांडा ने कहा कि ऐसे छोटे, सरल और जोड़ने वाले कार्यक्रम लोगों के दिलों पर ज्यादा असर छोड़ते हैं और समुदाय में अपनापन बढ़ाते हैं।

अपने संबोधन में डॉ. मन्नकर ने कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए, अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और अच्छे मानव मूल्य अपनाने चाहिए।

प्रसिद्ध वास्तुकार अनुराग खंडेलवाल, जो भारत में लकड़ी के घर बनाने में जाने जाते हैं, ने वहां लगे वुडन हाउस को दिखाते हुए बताया कि लकड़ी के घर कैसे सेहत के लिए अच्छे होते हैं और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखते हैं।

प्रख्यात शिक्षाविदों ने इस महोत्सव में उपस्थित होकर यह दर्शाया कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली को मूल्य-उन्मुख और रचनात्मकता व चेतना के साथ संतुलित होना चाहिए।

पारुल सिंह, वैज्ञानिक अधिकारी, एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा
डॉ. रिपुदमन गौड़, डीन, लॉयड बिज़नेस स्कूल

डॉ. सैयद एस. अली
एसोसिएट प्रोफेसर, लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा

डॉ. अर्चना शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, एमिटी विश्वविद्यालय एवं सामाजिक कार्यकर्ता

डॉ. प्रिया शर्मा, सहायक प्रोफेसर, शारदा विश्वविद्यालय

उत्सव का अंत इस सोच के साथ हुआ कि अगर हम कला, संस्कृति और प्रकृति को साथ लेकर चलें, तो समाज और भी स्वस्थ, खुश और मजबूत बन सकता है।

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