
दीपक आनंद रिपोर्ट :-
~ चिकित्सक, ओपीएआई (OPAI) नेतृत्व एवं हितधारकों ने बच्चों के लिए सुलभ आर्टिफिशियल अंगों के भविष्य पर की चर्चा
National, 3 दिसंबर 2025: सहायक प्रौदयोगिकी और मेडिकल साइबरनेटिक्स के क्षेत्र में अग्रणी मेडटेक कंपनी मोटोरिका ने वर्ल्ड डिसेबिलिटी डे के अवसर पर नई दिल्ली स्थित नॉर्थ रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल में दो बच्चों को आर्टिफिशियल हाथ इंस्टॉल कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। इस अवसर पर चिकित्सकों, विशेषज्ञों और उद्योग से जुड़े वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भारत में चाइल्ड आर्टिफिशियल अंगों को बेहतर तकनीक के माध्यम से आसान बनाने की दिशा में हो रहे बदलावों पर विचार-विमर्श किया।

मोटोरिका ने इस कार्यक्रम के दौरान हाल ही में शुरू किए गए डिजिटल प्रॉस्थेटिक्स प्रोग्राम का प्रदर्शन किया गया जिसके तहत पारंपरिक प्लास्टर मोल्ड तकनीक के बजाय फोटोग्रामेट्री (photogrammetry) का उपयोग किया जाता है, जिसमें साधारण स्मार्टफोन से ली गई छवियों के आधार पर शेष अंग का बेहद सटीक 3D मॉडल तैयार किया जाता है। इस नई तकनीक से डेटा ट्रांसफर सरल होता है, लॉजिस्टिक चुनौतियाँ कम होती हैं और आर्टिफिशियल हाथ निर्माण प्रक्रिया तेज एवं आसान बनती है। इससे दूर-दराज क्षेत्रों के बच्चों तक भी आर्टिफिशियल अंगों की पहुँच सुनिश्चित की जा सकेगी।
मोटोरिका विश्व की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो दो वर्ष की आयु से ही बच्चों के लिए सबसे नई तकनीक से बने आर्टिफिशियल हाथ बनाती है। ये उपकरण हल्के, जलरोधक तथा बच्चों की गतिविधि को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, जिससे वे खेल-कूद, दैनिक कार्यों और खुद का ख्याल रखते हुए सुरक्षित रूप से भाग ले सकें। इनके कार्यात्मक मैकेनिज्म से बच्चों को पकड़ने, थामने और वस्तुओं को संचालित करने में सहायता मिलती है। वहीं विभिन्न डिज़ाइन विकल्प उन्हें अपनी पसंद के प्रोस्थेटिक चुनने की सुविधा देते हैं। यह तकनीकी विश्वसनीयता, सुविधा एवं व्यक्तिगत आकर्षण का संयोजन अर्ली रिहैबिलिटेशन और लंबे समय तक अपनाने में विशेष रूप से मददगार साबित होता है।
मोटोरिका इंडिया के सीईओ, श्री रुसलान बाबिंत्सेव (Mr. Ruslan Babintsev, CEO, Motorica India) ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भारत के हर बच्चे तक, चाहे वह कहीं भी रहता हो, आरामदायक, उपयोगी और आधुनिक आर्टिफिशियल हाथ पहुँच सके। डिजिटल प्रॉस्थेटिक्स उत्पादन समय कम करते हैं, अधिक सटीकता प्रदान करते हैं और चिकित्सकों को बेहतर सहायता देते हैं। विश्व दिव्यांगता दिवस पर इन दो बच्चों को नए आर्टिफिशियल हाथ मिलते देख हम अपने लक्ष्य के प्रति और अधिक मजबूत हुए हैं। नॉर्थ रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल की मेडिकल टीम, ओपीएआई (OPAI) नेतृत्व और सभी साझेदारों के सहयोग के लिए हम अत्यंत आभारी हैं, क्योंकि इनके सहयोग से ही चाइल्ड आर्टिफिशियल अंग देखभाल प्रणाली को मजबूत बनाने का मार्ग खुल पा रहा है।”
ओपीएआई के अध्यक्ष, डॉ. एम.सी. दास (Dr. MC Dash, President, OPAI.) ने कहा, इंडिया में आर्टिफिशियल अंग क्षेत्र आज एक बड़े बदलाव के दौर में प्रवेश कर रहा है, जहाँ इनोवेशन (Innovation) और क्लिनिकल विशेषज्ञता मिलकर विशेषकर बच्चों (Special Child) की आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। आईआरपीजीएमईआर (IRPGMER) और नॉर्दर्न रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल में मोटोरिका दवारा बाल आर्टिफिशियल अंग स्थापना की सफलता न केवल एक चिकित्सा उपलब्धि है, बल्कि एक राष्ट्रीय प्राथमिकता का संकेत भी है।
“मोटोरिका का डिजिटल कार्यक्रम बताता है कि तकनीक से बच्चों तक आर्टिफिशियल हाथ पहुँचाने की पुरानी रुकावटें कैसे कम की जा सकती हैं। ओपीएआई (OPAI) डॉक्टरों, साझेदार संगठनों और अस्पतालों के साथ मिलकर काम को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। यह उपलब्धि साबित करती है कि जब सभी मिलकर प्रयास करते हैं, तो बच्चों और उनके परिवारों के जीवन मैं बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।”
