बंसी लाल की रिपोर्ट :-
नई दिल्ली :विधानसभा में लगातार कई दिनों की चर्चा और तथ्यों के आधार पर यह सदन इस निष्कर्ष पर पहुँचा है कि दिल्ली विधानसभा परिसर मे फ़र्ज़ी फाँसी घर के निर्माण और झूठे विज्ञापनों पर करोड़ों रूपये खर्च किये गये। इस संबंध में विपक्ष जो पूर्व में सत्तारूढ दल था, जिनके कार्यकाल में ये फ़र्ज़ीवाड़ा हुआ, उनसे इस निर्माण के पक्ष में कोई ठोस तथ्य प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया जिसके आधार पर यह निर्माण करवाया गया था। लेकिन तीन दिन में भी कोई तर्कसंगत जवाब और तथ्य ना मिलने पर यह और पुख्ता हो गया कि यह इरादतन फ़र्ज़ीवाड़ा किया गया था। जबकि दूसरी तरफ National Archives से प्राप्त वर्ष 1912 का नक़्शा, अन्य दस्तावेज तथा इतिहास पर समर्पित अनुसंधान कर रही तमाम ऐसी संस्थाएं जैसे Indian Council of Historical Reserch IGNCA , Historians from Delhi University, JNU, MCD Heritage Cell और दिल्ली अभिलेखागार तथा अन्य इतिहासकारों की रिसर्च आदि से इस संबंध में प्राप्त दस्तावेजों के आधार यह सदन इस निष्कर्ष पर पहुँचा है कि यहाँ ना तो कभी फाँसी घर था और ना ही ऐसी कोई सुरंग थी, जो इस दिल्ली विधानसभा से लाल क़िला तक जाती हो।
दिल्ली विधानसभा परिसर मे 2022 में जब यह फाँसी घर बनाया गया तो मेरे सहित विपक्ष के सभी सदस्यों की भावना देशभक्ति से जुड़ गई। लेकिन स्पीकर का पदभार सम्भालने के बाद इतिहास पर अनुसंधान कर रही संस्थाओं और राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा प्राप्त दस्तावेज़ों से पता लगा कि यह फाँसी घर तो फ़र्ज़ीवाड़ा है। इस घटना से मेरी भावनाओं को ठेस पहुँची और मुझे लगा कि मेरे साथ विश्वासघात किया गया है। मेरी ही तरह हज़ारों लाखों लोग जो इसे सच समझ बैठे थे वो भी आज अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
अतः Sense of the House के आधार पर यह निर्णय लिया जाता है कि इस हेरिटेज दिल्ली विधानसभा को पुनः मूलरूप मे परिवर्तित किया जाये तथा इन दोनों टिफ़िन रूम में विधानसभा का वर्ष 1912 का नक़्शा भी स्थापित किया जाये जिससे कभी कोई इस भवन की गरिमा को ठेस ना पहुँचा सके।
विधानसभा परिसर मे 09 अगस्त 2022 को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के दिन जो इस फ़र्ज़ी फाँसी घर के उद्घाटन का शिलापट्ट, जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया का नाम लिखा है, उस शिलापट्ट को भी हटा दिया जाये।
हेरिटेज बिल्डिंग के मूलरूप के साथ की गई छेड़छाड़ और फ़र्ज़ी फाँसी घर तथा फ़र्ज़ी सुरंग बताकर जो इतिहास को बदलने का अपराध किया गया है, ऐसे लोगों को देश कभी माफ नहीं करेगा। अतः यह सदन इस कुकृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करता है।
इस पूरे विषय की गंभीरता को देखते हुए मैं इस मामले की गहन जांच करने के लिए सदन की विशेषाधिकार समिति को सौंप रहा हूं, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष श्री राम निवास गोयल, तत्कालीन उप मुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन विधान सभा उपाध्यक्ष श्रीमती राखी बिरला को summon करेगी। उनकी मौजूदगी और निर्देशन में ही 09 अगस्त 2022 को इस कथित फांसी घर का उद्घाटन किया गया था।
